खाटू का राजा मेहर करो(Khatu Ka Raja Mehar Karo)

थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


था बिन नाथ अनाथ की जी,

कुण राखेलो टेक,

म्हासा थाके मोकला जी,

म्हासा थाके मोकला जी,

थासा तो म्हारे थे ही एक,

खाटू का राजा मेहर करो ।


थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


जाणु हूँ दरबार में थारे,

घणी लगी है भीड़,

थारे बिन किस विध मिटेगी,

थारे बिन किस विध मिटेगी,

भोले भगत की या पीर,

खाटू का राजा मेहर करो ।


थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


ज्यूँ-ज्यूँ बीते टेम हिये को,

छुट्यो जावे धीर,

उझलो आवे कालजो जी,

उझलो आवे कालजो जी,

नैणा सू टप-टप टपके नीर,

खाटू का राजा मेहर करो ।


थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


साथी म्हारे जिव का थे,

थासे छानी ना,

जान बूझ के मत तरसावो,

जान बूझ के मत तरसावो,

हिवड़े से लेवो लिपटाए,

खाटू का राजा मेहर करो ।


थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


ध्रुपद सुता की लज्जा राखी,

गज को काट्यो फंद,

सुणकर टेर देर मत किजो,

सुणकर टेर देर मत किजो,

श्याम बिहारी ब्रजचंद,

खाटू का राजा मेहर करो ।


थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


थासु विनती कराहाँ बारंबार,

सुनो जी सरकार,

खाटू का राजा मेहर करो ॥


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मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है (Mujhe Tune Malik Bahut Kuch Diya Hai)

मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।

कब है मकर संक्रांति

मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

सोना चांदी हिरे मोती - भजन (Sona Chandi Heera Moti)

सोना चांदी हिरे मोती,
रंगले बंगले महल चौबारे ॥

गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो(Gira Ja Raha Hu Utha Lo)

प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो,
गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो,

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