कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

दृगन पै लिख दे दीनदयाल

नासिका पै लिख दे नन्दलाल

कपोलन पै लिख दे गोपाल

माथे लिख दे, मोहन लाल

श्रवनन पै लिख सांवरो, अधरन आनंदकंद,

ठोड़ी पै ठाकुर लिखो, गले में गोकुलचन्द ।

छाती पै लिख छैल, बाँहन पै लिख दे बनवारी ।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।


हाथन पै हलधर जी को भईया लिख ,

संग संग तू आनंद-करैया लिख

उंगरिन पै प्यारो कृष्ण कन्हैया लिख

कहूं कहूं वृन्दावन बंसी को बजैया लिख

पेट पै लिख दे परमानन्द

नाभि पै लिख दे तू नन्दनन्द

पिण्डरी पै लिख दे घनश्याम

चरण पै चितचोर को नाम

रोम-रोम में लिख दे मेरो सांवरो गिरिधारी ।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।


सखी देखत सब रह गयी कौन प्रेम को फंद

बिसे बिस कोई और नहीं ये छलिया ढोटा नन्द

अंगिया में देखि कसी मुरली परम रसाल

प्यारो प्यारो कह कह हिय लायो नंदलाल ।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,

री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

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भोले तेरी माया अजब निराली है (Bhole Teri Maya Ajab Nirali Hai)

भोले तेरी माया अजब निराली है,
अजब निराली है,

दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

मासिक जन्म अष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा विधि

हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की अष्टमी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे विश्व में कृष्ण भक्तों के द्वारा खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह पर्व हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है।

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया, बिना तुम्हारे (Ae Murliwale Mere Kanhaiya, Bina Tumhare )

ऐ मुरली वाले मेरे कन्हैया,
बिना तुम्हारे तड़प रहे हैं,

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