गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ (Govind Chale Aao, Gopal Chale Aao)

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

मेरे मुरलीधर माधव,

मेरे मुरलीधर माधव,

नंदलाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


आँखों में बसे हो तुम,

धड़कन में धड़कते हो,

कुछ ऐसा करो मोहन,

स्वासों में समां जाओ,

कुछ ऐसा करो मोहन,

स्वासों में समां जाओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


इक शर्त ज़माने से,

प्रभु हमने लगा ली है,

इक शर्त ज़माने से,

प्रभु हमने लगा ली है,

या हमको बुला लो तुम,

या खुद ही चले आओ,

या हमको बुला लो तुम,

या खुद ही चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

मेरे मुरलीधर माधव,

मेरे मुरलीधर माधव,

नंदलाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥

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श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्

नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

टूटी झोपड़िया मेरी माँ (Tuti Jhupdiya Meri Maa Garib Ghar Aajana)

टूटी झोपड़िया मेरी माँ,
गरीब घर आ जाना ।

शादी-विवाह पूजा विधि

विवाह एक पवित्र संस्कार, जो दो लोगों को 7 जन्मों के लिए बांधता है। यह न केवल दो व्यक्तियों का मिलन है, बल्कि दो परिवारों का भी मिलन है। इसे हिंदू संस्कृति में एक पवित्र अनुष्ठान माना गया है।

नवंबर में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।

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