गोविंद चले आओ, गोपाल चले आओ (Govind Chale Aao, Gopal Chale Aao)

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

मेरे मुरलीधर माधव,

मेरे मुरलीधर माधव,

नंदलाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


आँखों में बसे हो तुम,

धड़कन में धड़कते हो,

कुछ ऐसा करो मोहन,

स्वासों में समां जाओ,

कुछ ऐसा करो मोहन,

स्वासों में समां जाओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


इक शर्त ज़माने से,

प्रभु हमने लगा ली है,

इक शर्त ज़माने से,

प्रभु हमने लगा ली है,

या हमको बुला लो तुम,

या खुद ही चले आओ,

या हमको बुला लो तुम,

या खुद ही चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

तेरे दर्शन को मोहन,

मेरे नैन तरसते है,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥


गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

मेरे मुरलीधर माधव,

मेरे मुरलीधर माधव,

नंदलाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ,

गोविंद चले आओ,

गोपाल चले आओ ॥

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दिसंबर में कब है दुर्गा अष्टमी?

शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दिन विधिवत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होती है। इस विधि-विधान से व्रत और पूजा करके मां दुर्गा की स्तुति की जाती है।

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है: भजन (Main Shiv Ka Hu Shiv Mere Hai)

मैं शिव का हूँ शिव मेरे है,
मैं और क्या मांगू शंकर से,

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है (Aaj Somwar Hai Ye Shiv Ka Darbar Hai)

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है,
भरा हुआ भंडार है,

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