कीर्तन है वीर बजरंग का(Kirtan Hai Veer Bajrang Ka)

कीर्तन है वीर बजरंग का,

नच नच कर इनको मना,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


पैरों में घुंघरू बांधे,

जब नाचे हनुमाना,

प्रभु राम को रिझाये,

ऐसा है जग ने माना,

उनपे दया की दृष्टि,

रखते है मेरे बाबा,

जो सच्चे दिल से ध्यावे,

पाते है सबसे ज्यादा,

है अति बलवाना,

सारे जग ने है माना,

अब तू भी ले ले नाम,

जब माने हनुमान,

नही होगा अनुमान,

ऐसा बनेगा तेरा काम,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


कहते है दुनिया वाले,

सीने में राम तेरे,

जपता रहा है ‘कमली’,

दर पे लगा के फेरे,

मंगल और शनि को,

तेरे दर पर जो भी आये,

जीवन के बिगड़े काम को,

इक पल में वो बनाये,

मैं तो आऊँ तेरे दर,

मुझे मिलता है वर,

ना छोडूंगा तेरा दर,

तुम आओ इस दर,

ये है अजर अमर,

इन्हें मिल के याद तो कर,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


कीर्तन है वीर बजरंग का,

नच नच कर इनको मना,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥

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क्यों रखते हैं रवि प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि शुरुआत 9 फरवरी 2025, रविवार के दिन पड़ेगी और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।

धुला लो पाँव राघव जी, अगर जो पार जाना है (Dhul Lo Paanv Raghav Ji Agar Jo Paar Jana Hai)

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क्या है शनि प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

छोटी होली कथा

होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन के रूप में जाना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और भक्त प्रह्लाद तथा होलिका की कथा से जुड़ा हुआ है।

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