मन नो मोरलियो रटे(Man No Moraliyo Rate )

मन नो मोरलियो,

रटे तारु नाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम,

एक वार आवी पुर,

हईया केरी हाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम ॥


सूरज उगे ने म्हारी,

उगती रे आशा,

संध्या ढ़ले ने म्हने,

मढ़ती निराशा,

रात दिवस म्हने,

सूझे नहीं काम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम,

मन नो मोरलियों,

रटे तारु नाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम ॥


आँखड़लिये म्हने,

आंसू दिखाए से,

दर्शन बिन म्हारो,

दिलड़ो डुबाए से,

नहीं रे आवो तो वाला,

जासे म्हारा प्राण,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम,

मन नो मोरलियों,

रटे तारु नाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम ॥


एक वार वाला तारी,

झांकी जो थाए,

आँसुना बिंदुति,

धोऊं थारा पाए,

मांगू सदा थारा,

चरणों मा वास,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम,

मन नो मोरलियों,

रटे तारु नाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम ॥


रघुवीर राम ने,

बहु या छू,

दान शांति नु,

कर दो ने साचु,

सपनो साकार,

करो म्हारा राम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम,

मन नो मोरलियों,

रटे तारु नाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम ॥


मन नो मोरलियो,

रटे तारु नाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम,

एक वार आवी पुर,

हईया केरी हाम,

म्हारी झोपड़िये,

आवो म्हारा राम ॥

........................................................................................................
प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी (Prarthana Hai Yahi Meri Hanuman Ji)

प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए,

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन (Aisi Lagi Lagan, Meera Ho Gai Magan)

ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन,

मासिक कार्तिगाई पर्व कब है

मासिक कार्तिगाई हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने आने वाला एक पवित्र दिन है। यह चंद्र मास के कार्तिगाई नक्षत्र के दौरान मनाया जाता है। साल 2025 में फरवरी माह में भी मासिक कार्तिगाई का त्योहार मनाया जाएगा।

रूक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह से जुड़ी कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने