मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई(Mere to Giridhar Gopal Dusro Na Koi)

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो

कोई कहे कारो, कोई कहे गोरो

लियोन हे अक्खियां को

कोई कहे हलकों, कोई कहे भरो

कोई कहे हलकों, कोई कहे भरो

लियोन हे तराजू टोल

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई


कोई कहे छानी, कोई कहे छावनी

कोई कहे छानी, कोई कहे छावनी

लियोन हे पचंता टोल

तन का गहना मैं सब कुछ दिन

तन का गहना, सब कुछ दिन

दियो है बाजूबंद खोल

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

जाके सर मोर मुकुट मेरो पति सोई

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई


मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई

जाके सर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई


कोई कहे कारो,कोई कहे गोरो

लियो है अँखियाँ खोल

कोई कहे हलको,कोई कहे भारो

लियो है तराजू तौल

मेरे तो गिरधर गोपाल

दूसरो ना कोई


कोई कहे छाने,कोई कहे छुवने

लियो है बजन्ता ढोल

तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा

लियो है बाजूबंद खोल

मेरे तो गिरधर गोपाल

दूसरो ना कोई


असुवन जल सींच-सींच प्रेम बेल बोई

अब तो बेल फ़ैल गयी

आनंद फल होई

मेरे तो गिरधर गोपाल

दूसरो ना कोई


तात-मात भ्रात बंधू

आपणो ना कोई

छाड़ गयी कुल की कान

का करीहे कोई?

मेरे तो गिरधर गोपाल

दूसरो ना कोई


चुनरी के किये टोक

ओढली लिए लोई

मोती-मूंगे उतार

बन-माला पोई

मेरे तो गिरधर गोपाल

दूसरो ना कोई

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राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की (Ram Lakshman Ke Sang Janki)

राम लक्ष्मण के संग जानकी,
जय बोलो हनुमान की,

अम्बे रानी तेरो झूलना रे (Ambe Rani Tero Jhulna Re)

झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।
झूला झुलाये रहे वाह रे लंगूरवा।

विजया एकादशी व्रत नियम

विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।

क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

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