मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले(Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murli Wale)

मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।

मेरी स्वास-स्वास में तेरा,

है नाम मुरली वाले ॥


भक्तों की तुमने कान्हा,

विपदा है टारी,

मेरी भी बाह थामो,

आ के बिहारी ।

बिगड़े बनाए तुमने,

हर काम मुरली वाले ॥


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।


पतझड़ है मेरा जीवन,

बन के बहार आजा,

सुन ले पुकार कान्हा,

बस एक बार आजा ।

बैचैन मन के तुम्हीं,

आराम मुरली वाले ॥


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।


तुम हो दया के सागर,

जन्मों की मैं हूँ प्यासी,

दे दो जगह मुझे भी,

चरणों में बस जरा सी ।

सुबह तुम्हीं हो, तुम्हीं ही,

मेरी श्याम मुरली वाले ॥


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।


मुझे चरणों से लगाले,

मेरे श्याम मुरली वाले ।

मेरी स्वास स्वास में तेरा,

है नाम मुरली वाले ॥

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बाबा का दरबार सुहाना लगता है (Baba Ka Darbar Suhana Lagta Hai)

बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के यम-नियम

हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी होती है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

दर्शन कर लो रे भक्तो, मेहंदीपुर धाम का (Darshan Kar Lo Re Bhakto Mehandipur Dham Ka)

दर्शन कर लो रे भक्तो,
मेहंदीपुर धाम का,

श्री पितर चालीसा (Shri Pitar Chalisa)

है पित्तरेर आपको दे दियो आशीर्वाद, चरणाशीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ।

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