नर से नारायण बन जायें(Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)

नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥

दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।

उर में सबके प्रति प्यार भरें, जल बनकर मरुथल में बिखरें।

बाधाओं से टकरा जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥


आलस में दिवस न कटें कभी, सेवा के भाव न मिटें कभी।

पथ से ये चरण न हटें कभी, जनहित के कार्य न छुटें कभी।

दैवी क्षमताएँ विकसायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥


यह विश्व हमारा ही घर हो, उर में स्नेह का निर्झर हो।

मानव के बीच न अन्तर हो, बिखरा समता का मृदु स्वर हो।

पूरब की लाली बन छायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥

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अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,

गुरु मेरी पूजा, गुरु गोबिंद, गुरु मेरा पारब्रह्म (Guru Meri Puja Guru Mera Parbrahma)

गुरु मेरी पूजा गुरु गोबिंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत

झोली भर लो भक्तो, दौलत बरसे भोले के दरबार (Jholi Bharlo Bhakto Daulat Barse Bhole Ke Darbar)

झोली भर लो भक्तो
दौलत बरसे भोले के दरबार,

मेरे हृदये करो परवेश जी (Mere Hridye Karo Parvesh Ji)

मेरे हृदये करो परवेश जी,
मेरे काटो सकल कलेश जी ॥

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