नर से नारायण बन जायें(Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)

नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥

दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।

उर में सबके प्रति प्यार भरें, जल बनकर मरुथल में बिखरें।

बाधाओं से टकरा जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥


आलस में दिवस न कटें कभी, सेवा के भाव न मिटें कभी।

पथ से ये चरण न हटें कभी, जनहित के कार्य न छुटें कभी।

दैवी क्षमताएँ विकसायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥


यह विश्व हमारा ही घर हो, उर में स्नेह का निर्झर हो।

मानव के बीच न अन्तर हो, बिखरा समता का मृदु स्वर हो।

पूरब की लाली बन छायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥

........................................................................................................
गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता
है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।

आता रहा है सांवरा, आता ही रहेगा (Aata Raha Hai Sanwara, Aata Hi Rahega)

आता रहा है सांवरा,
आता ही रहेगा,

शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी(Shabari Sanware Rastha Aayenge Ram Ji)

शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी,
मेरा भी धन्य जीवन बनायेंगे रामजी

उगादि 2025 कब मनाई जाएगी

हिंदू पंचांग के अनुसार, उगादि पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इसे हिन्दू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। इसलिए इसकी तिथि और मुहूर्त जानना बहुत जरूरी होता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने

संबंधित लेख