रास कुन्जन में ठहरायो (Raas Kunjan Me Thahrayo)

रास कुन्जन में ठहरायो,

रास मधुबन में ठररायो,

सखियाँ जोवे बाँट,

साँवरो अब तक नहीं आयो

रास कुंजन में ठहरायो ॥


राधा सोच करे मन माहीं,

कोई बिलमायों,

कुण जाने, कितगयो सांवरो,

अब तक नहीं आयों ॥


रास कुन्जन में ठहरायो,

रास मधुबन में ठररायो,

सखियाँ जोवे बाँट,

साँवरो अब तक नहीं आयो

रास कुंजन में ठहरायो ॥


इतने में तो बाजी बांसुरी,

मधुबन धरणायो,

डाल-डाल और पात-पात पर,

श्याम नजर आयों ॥


रास कुन्जन में ठहरायो,

रास मधुबन में ठररायो,

सखियाँ जोवे बाँट,

साँवरो अब तक नहीं आयो

रास कुंजन में ठहरायो ॥


कोई ल्यायो लाल मंजीरा,

कोई डफ ल्यायों,

दे दे ताली नाची रे,

राधिका ऐसो रंग छायो ॥


रास कुन्जन में ठहरायो,

रास मधुबन में ठररायो,

सखियाँ जोवे बाँट,

साँवरो अब तक नहीं आयो

रास कुंजन में ठहरायो ॥


जो सुख को ब्रह्मा शिव तरसे,

गोपी जन पायो,

गोपी मण्डल ऊग्यारे चन्द्रमा,

वो भी शरमायो ॥


रास कुन्जन में ठहरायो,

रास मधुबन में ठररायो,

सखियाँ जोवे बाँट,

साँवरो अब तक नहीं आयो

रास कुंजन में ठहरायो ॥

........................................................................................................
आमलकी एकादशी पूजा विधि

फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर आमलकी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व है।

होलिका दहन के उपाय

होलिका दहन नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने और जीवन में खुशहाली लाने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आर्थिक तंगी, शारीरिक बीमारियों और व्यापार में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर राशि योग

कार्तिक पूर्णिमा में व्रत और पूजा-पाठ बहुत ही शुभ होते हैं। इस वर्ष यह व्रत 15 नवंबर 2024 को है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में विशेष पूजा करने और स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

शिव का डमरू डम डम बाजे (Shiv Ka Damru Dam Dam Baje)

शिव का डमरू डम डम बाजे,
टोली कावड़ियों की नाचे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने