बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई (Bansi Bajake Meri Nindiya Churai)

बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई,

लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,

कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी,

कहाँ गिरधारी मेरे कहाँ गिरधारी ॥


आँख मिचौली काहे खेले तु कान्हा,

पलके बिछाए बैठी तेरी में राधा,

काश में तेरी बन जाती बंसुरिया,

अधरों से तेरे लग जाती में सांवरिया,

नैना निहारे पन्थ आओ मुरारी,

कहाँ गिरधारी मेरे कहाँ गिरधारी ॥


याद जो आये मोहे पल महारास के,

थिरके पायलिया मृदंग ताल पे,

जितनी गोपिया उतने गोविन्दा,

कण कण में हे जेसे भगवंता,

पल ना पड़े अब कान्हा पल पल भारी,

कहाँ गिरधारी मेरे कहा गिरधारी ॥


बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई,

लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,

कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी,

कहाँ गिरधारी मेरे कहाँ गिरधारी ॥

........................................................................................................
जिस काँधे कावड़ लाऊँ, मैं आपके लिए(Jis Kandhe Kawad Laun Main Aapke Liye)

जिस काँधे कावड़ लाऊँ,
मैं आपके लिए,

Skanda Sashti 2024: स्कंद षष्ठी व्रत, कथा और इसका पौराणिक महत्व

Skanda Sashti 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का पर्व 09 सितंबर को मनाया जाएगा।

लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा (Lagan Tumse Laga Baithe Jo Hoga Dekha Jayega)

मोहे लागी रे लगन महाकाल की लगन,
तुम्हारे नाम से किस्मत मेरी सजा लू मैं,

कान्हा तेरी मुरली की, जो धुन बज जाए (Kanha Teri Murli Ki Jo Dhun Baj Jaaye)

कान्हा तेरी मुरली की,
जो धुन बज जाए,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने