राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर( RadhaKrishn Prana Mora Yugal Kishor)

राधाकृष्ण प्राण मोर युगल-किशोर ।

जीवने मरणे गति आर नाहि मोर ॥


कालिन्दीर कूले केलि-कदम्बेर वन ।

रतन वेदीर उपर बसाब दुजन ॥


श्याम गौरी अंगे दिब चन्दनेर गन्ध ।

चामर ढुलाब कबे हेरिब मुखचन्द्र ॥


गाँथिया मालतीर माला दिब दोंहार गले ।

अधरे तुलिया दिब कर्पूर ताम्बूले ॥


ललिता विशाखा आदि यत सखीवृन्द ।

आज्ञाय करिब सेवा चरणारविन्द ॥


श्रीकृष्णचैतन्य प्रभुर दासेर अनुदास ।

सेवा अभिलाष करे नरोत्तमदास ॥

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नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

तुम आशा विश्वास हमारे, रामा - भजन (Tum Asha Vishwas Hamare Bhajan)

नाम ना जाने, धाम ना जाने
जाने ना सेवा पूजा

छठ पूजा विधि

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इसका विशेष महत्व है।

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी(De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन

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