सामने आओगे या आज भी (Samne Aaoge Ya Aaj Bhi)

सामने आओगे या आज भी परदा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा, तो कैसा होगा,

सामने आओगे या आज भी परदा होगा ॥


मौत आती है तो आ जाये कोई गम ही नहीं,

मौत आती है तो आ जाये, कोई गम ही नहीं,

वो भी तो आएगा, जो मेरा मसीहा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,

मैंने मोहन को बुलाया, है वो आता होगा,

वो आता होगा, २

वो आता होगा, २

मैंने, मोहन, को, बुलाया है, वो आता होगा,

मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,

तुम भी आना, मेरे घर आज तमाशा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


हम गुनाहगारो ने सोचा ही नही था प्यारे,

हम गुनाहगारो ने, सोचा ही नही था प्यारे,

जिक्र मोहन की गली में, भी हमारा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


सामने आओगे या आज भी परदा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा, तो कैसा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥

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गुरू प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने दो प्रदोष व्रत और पूरे साल में 24 व्रत होते हैं।

काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)

काले काले बदरा,
घिर घिर आ रहे है,

श्री खाटु श्याम चालीसा (Shri Khatu Shyam Chalisa)

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद ।

काल भैरव की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन तंत्र-मंत्र के देवता काल भैरव की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप हैं।

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