सपने में सखी देख्यो नंदगोपाल(Sapane Me Sakhi Dekhyo Nandgopal)

सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,

सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,

और घुँघराले बाल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥


व्रंदावन री कुंज गलियन मे,

भागतो दौड़तो देख्यो,

देख्यो री सखी भागतो दौड़तो देख्यो,

जंगल बिच मे गाय चरावतो,

बाध्यो कालो शाल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥


सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,

सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,

और घुँघराले बाल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥


लुकतो-छुपतो पनघट ऊपर,

सबकी मटकिया फोड़े,

फोड़े रे सखी सबकी मटकिया फोड़े,

घ- घर जावतो माखन चुरावतो,

प्यारो यशोदा रो लाल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥


सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,

सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,

और घुँघराले बाल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥


म्हारे सागे नटखट कन्हैया,

लुक मिचणी खेले सखी री,

वो तो लुक मिचणी खेले,

जद मने पकडयो कृष्ण कन्हाई,

मै तो हो गई न्याल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥


सपने में सखी देख्यो नन्दगोपाल,

सावली सूरतिया हाथो मे बाँसुरिया,

और घुँघराले बाल,

​सपने मे सखी देख्यो नन्दगोपाल ॥

........................................................................................................
मैया ओढ़ चुनरिया लाल, के बैठी कर सोलह श्रृंगार (Maiya Odh Chunariyan Lal Ke Bethi Kar Solha Shingar)

मैया ओढ़ चुनरिया लाल,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,

सवारी महाकाल की आई(Sawari Mahakal Ki Aayi)

आओ प्यारे भक्तों,
भोले बाबा को मनाएं हम,

क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं: भजन (Ajab Hairan Hoon Bhagawan Tumhen Kaise Rijhaon Main)

अजब हैरान हूं भगवन!
तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने