सांवरिया थारी याद में, अँखियाँ भिगोया हाँ(Sawariya Thari Yaad Me Akhiyan Bhigoya Haan)

सांवरिया थारी याद में,

अँखियाँ भिगोया हाँ,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


म्हारी जीवन नैया थारे,

चरणा शीश का दानी,

हाथ लगा दो पार करा दो,

कर दो ना थे मेहरबानी,

खाटू का राजा कद म्हारे,

सिर पर हाथ फिराओगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


जद जद थारी ज्योत जगाई,

हिवड़ो भर भर आयो,

बाबो म्हारे सागे कोणी,

सोच के जी मचलायो,

बाबा बतलाओ कद मेरो,

मन को भरम थे तोड़ोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


जग यो सारो जाणे थारी,

म्हारी प्रीत पुराणी,

म्हा पर के के बित्यो बाबा,

थासु कुछ नहीं छानी,

कुणाल यो हारयो कद वाकी,

बोलो जीत कराओगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥


सांवरिया थारी याद में,

अँखियाँ भिगोया हाँ,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा,

कद आंसू पोछण ताईं,

थे आवोगा ॥

........................................................................................................
छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

तूने जीना सिखाया भोलेनाथ जी (Tune Jeena Sikhaya Bholenath Ji)

तुम्हे दिल में बसाया,
तुम्हे अपना बनाया,

राम दीवाना हो मस्ताना, झूमे देखो बजरंगबली (Ram Diwana Ho Mastana Jhoome Dekho Bajrangbali)

राम दीवाना हो मस्ताना,
झूमे देखो बजरंगबली,

दत्तात्रेय जयंती कब है?

हिंदू धर्म में दत्तात्रेय जयंती का बेहद खास महत्व है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें त्रिदेवों यानि ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी तीनों का अंश माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने