तेरी प्रीत में मोहन मन बावरा है(Teri Preet Me Mohanan Man Bawra Hai)

तेरी प्रीत में मोहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है,

हमें तो कन्हैया,

तेरा आसरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


जीवन की ये कैसी छाया,

जीवन की ये कैसी छाया,

जीवन की ये कैसी छाया,

चहुँ और फैली फरेब की माया,

इक तेरा दर ही तो सबसे निराला,

कण कण यहाँ सच्चा प्यार भरा है,

प्यार भरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


जलती गई जब ज्ञान की ज्योति,

जलती गई जब ज्ञान की ज्योति,

मिलते गए तेरी प्रीत के मोती,

और रतन जहाँ के क्या मांगू भगवन,

प्रेम के अमृत से अंतर भरा है,

अंतर भरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


अब तो कन्हैया सबको बता दे,

अब तो कन्हैया सबको बता दे,

प्रीत की गंगा ऐसी बहा दे,

‘अंकुश’ कहे जमाना सच्ची मेरी भक्ति,

सच्ची है प्रीत सच्चा ये सांवरा है,

ये सांवरा है,

तेरी प्रीत में मोंहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥


तेरी प्रीत में मोहन,

मन बावरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है,

हमें तो कन्हैया,

तेरा आसरा है,

लागि लगन तू ही,

मेरा सांवरा है,

मेरा सांवरा है ॥

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सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो (Sabse Pahle Manau Ganraj Gajanand Aa Jaiyo)

सबसे पहले मनाऊँ गणराज,
गजानंद आ जइयो,

मंगल की सेवा सुन मेरी देवाMangal Ki Sewa Sun Meri Deva)

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,
हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।

भीष्म अष्टमी की पूजा विधि

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘भीष्म अष्टमी’ कहा जाता है।

देवी लक्ष्मी स्तोत्रम्

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्र​जाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥

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