ही आशा लेकर आती हूँ ( Yahi Aasha Lekar Aati Hu)

यही आशा लेकर आती हूँ,

हर बार तुम्हारे मंदिर में,

कभी नेह की होगी मुझपर भी,

बौछार तुम्हारे मंदिर में,

बौछार तुम्हारे मंदिर में ।


हे राधेश्वर गोपीवल्लभ तुम,

त्रिभुवन के आकर्षण हो,

पट तो हर दिन खुलते लेकिन,

जब भाग्य खुले तब दर्शन हो ।


होता है तुम्हारा नित नूतन,

शृंगार तुम्हारे मंदिर में,

कभी नेह की होगी मुझ पर भी,

बौछार तुम्हारे मंदिर में,

बौछार तुम्हारे मंदिर में ।


हे मुरलीधर कृष्ण-कन्हाई,

राधा रास बिहारी,

दर्शन भिक्षा मांग रहे है,

नैना दर्श भिखारी


राधा भी नहीं, मीरा भी नहीं,

मैं ललिता हूँ न विशाखा हूँ,

हे बृजराज तुम्हारे बृजत्रु की,

मैं कोमल सी इक शाखा हूँ,

इतना ही मिला आने का,

अधिकार तुम्हारे मंदिर में,

कभी नेह की होगी मुझ पर भी,

बौछार तुम्हारे मंदिर में,

बौछार तुम्हारे मंदिर में ।


राधा प्रियम, सरस सुन्दर, प्रेम धामम,

गोपी प्रियम, मदन जीत, नैनाभी रामम ।


योगी प्रियम, तव नवोदित, बाल चन्द्रम,

सर्वा प्रियम, सकल मंगल, मूल शामम ।

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श्री राम प्यारे अंजनी दुलारे (Shree Ram Pyare Anjani Dulare)

श्री राम प्यारे अंजनी दुलारे,
सबके सहारे जय महावीरा,

गुप्त नवरात्रि पर राशि के अनुसार उपाय

सनातन धर्म में साल में आने वाली चारों नवरात्रि का बहुत खास महत्व है। हर साल चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से माघ गुप्त नवरात्रि भी शामिल हैं।

भोलेनाथ की शादी है हम सारे जाऐंगे (Bholenath Ki Shadi Hai Hum Sare Jayege)

भोलेनाथ की शादी है हम सारे जाऐंगे,
भोलेनाथ की शादी में नाचेंगे गाएंगे,

कब है जया एकादशी?

सनातन धर्म में एक साल में कुल 24 एकादशी आती है। इनमें से माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होता है।

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