बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा (Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera)

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,

दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,

श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥


सुना है जो तेरे दर पे आए,

उसके सब दुखड़े मिट जाए,

आया शरण तिहारी रे,

आया शरण तिहारी रे,

अब दूर करो दुख मेरा,

श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥


जनम जनम का मैं हूँ भटका ,

बेड़ा आज भवर में अटका,

पार करो बनवारी रे,

अब दूर करो दुख मेरा,

श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥


शबरी अहिल्या गणिका नारी,

सब ही तुमने पार उतारी,

आयी मेरी बारी रे,

अब दूर करो दुख मेरा,

श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥


मोर मुकुट पीताम्बर धारी,

संग में हो श्री राधा प्यारी,

मेरे गिरवर धारी रे,

अब दूर करो दुख मेरा,

श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥


बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,

दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,

श्री बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा ॥

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सुनले ओ मेरी मैया, मुझे तेरा ही सहारा (Sunle O Meri Maiya Mujhe Tera Hi Sahara)

सुनले ओ मेरी मैया,
मुझे तेरा ही सहारा,

होता है सारे विश्व का, कल्याण यज्ञ से (Hota Hai Sare Vishwa Ka Kalyan Yajya Se)

होता है सारे विश्व का,
कल्याण यज्ञ से ।

बृहस्पतिवार व्रत कथा और महत्व

सातों दिन में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। इस दिन बृहस्पतिवार व्रत और कथा के पाठ करने का विधान है।

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