बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी (Banshi Wale Teri Bansuri Kamal Kar Gayi)

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥


बंसी बजाकर के चित को चुरावे,

चित को चुराकर दीवाना बनावे,

ये ग्वालियो की टोली धमाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


पूनम की रतियाँ झमाझम पानी,

दुल्हन सी सज गई है धरती सुहानी,

यमुना की धारा निहाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे ,

सखियों के बीच राधा माधव भी नाचे,

‘नंदू’ ये मस्ती निहाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥

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नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया(Naam Tera Durge Maiya Ho Gaya)

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते ॥

भोले ने जिसे चाहा, मस्ताना बना डाला (Bhole Ne Jise Chaha Mastana Bana Dala)

भोले ने जिसे चाहा,
मस्ताना बना डाला ॥

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी (Jjhulan Chalo Hindolana Vrashbhanu Nandni)

झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,
झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।

मासिक शिवरात्रि के दिन इस विधि से करें जलाभिषेक

हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस दिन को हर महीने मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं।

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