बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी (Banshi Wale Teri Bansuri Kamal Kar Gayi)

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥


बंसी बजाकर के चित को चुरावे,

चित को चुराकर दीवाना बनावे,

ये ग्वालियो की टोली धमाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


पूनम की रतियाँ झमाझम पानी,

दुल्हन सी सज गई है धरती सुहानी,

यमुना की धारा निहाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे ,

सखियों के बीच राधा माधव भी नाचे,

‘नंदू’ ये मस्ती निहाल कर गई,

बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई ॥


बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

कमाल कर गई जी कमाल कर गई,

मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई ॥

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भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए(Bhabhuti Ramaye Baba Bholenath Aaye)

भभूती रमाये बाबा भोले नाथ आए,
भोले नाथ आए बाबा डमरू बजाए,

रंगपंचमी के खास उपाय

रंग पंचमी का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी, और देवी-देवता भी होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।

सियारानी का अचल सुहाग रहे - भजन (Bhajan: Siyarani Ka Achal Suhag Rahe)

मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥

नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

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