भजहु रे मन श्री नंद नंदन (Bhajahu Re Mann Shri Nanda Nandan)

भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे

दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे

तारो ए भव-सिंधु रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे


शीत तप बात बरिशन

ए दिन जामिन जगी रे

बिफले सेविनु कृपन दुरजन

चपल सुख लभ लागी रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे


ए धन यौवन पुत्र परिजन

इथे की आचे पारतित रे

कमल-दल-जल, जीवन तलमल

भजू हरि-पद नीत रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे


श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन

पद सेवन दास्य रे

पूजन, सखी-जन, आत्म-निवेदन

गोविंद-दास-अभिलाषा रे


भजहु रे मन श्री नंद नंदन

अभय-चरणार्विन्द रे

दुर्लभ मानव-जन्म सत-संगे

तारो ए भव-सिंधु रे


........................................................................................................
तू प्यार का सागर है: भजन (Tu Pyar Ka Sagar Hai)

तू प्यार का सागर है,
तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।

सर्वपितृ अमावस्या: स्नान और पूजा विधि के साथ करें ये कार्य

पितृमोक्ष अमावस्या: इस तिथि को मनाई जाएगी आश्विन अमावस्या, महत्व के साथ जानिए क्या है दान कर्म का शुभ मुहूर्त..

राम आरती होन लगी है (Ram Aarti Hone Lagi Hai)

जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है..

भगवान कार्तिकेय की पूजा किस विधि से करें?

हिंदू धर्म में भगवान कार्तिकेय शिव-शक्ति के ज्येष्ठ पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और बुद्धि का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, भगवान कार्तिकेय को शक्ति और पराक्रम का स्वामी के रूप में भी जाना जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने

संबंधित लेख