छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल (Choti Choti Gaiyan Chote Chote Gwal)

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥


आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल ।

बीच में मेरो मदन गोपाल ॥


छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥


कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल।

श्याम वरण मेरो मदन गोपाल॥


छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥


घास खाए गैया, दूध पीवे ग्वाल ।

माखन खावे मेरो मदन गोपाल ॥


छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥


छोटी छोटी लकुटी, छोले छोटे हाथ ।

बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल ॥


छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥


छोटी छोटी सखियाँ, मधुबन बाग ।

रास राचावे मेरो मदन गोपाल ॥


छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥

छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल ।

छोटो सो मेरो मदन गोपाल ॥

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गलियां जरा सजा दो, महाकाल आ रहे है (Galiyan Jara Saja Do Mahakal Aa Rahe Hai)

गलियां जरा सजा दो,
महाकाल आ रहे है ॥

तुलसा कर आई चारों धाम (Tulsa Kar Aai Chaaron Dham)

तुलसा कर आई चारों धाम,
जाने कहां लेगी विश्राम ।

कालाष्टमी व्रत के उपाय

माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होती है। इस महीने पड़ने वाली कालाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप, काल भैरव की पूजा होती है।

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

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