गजरा गिर गया जमुना जल में (Gajara Gir Gaya Jamuna Jal Me)

जमुना के तट पर,

मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

घायल हो गई पल में,

गजरा गिर गया जमुना जल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥

लेने गगरिया गई थी बजरिया,

बजरिया में मिल गया वो,

बांके सांवरिया,

गगरी मेरी छीन के उसने,

बईया मरोड़ी,

बईया यूँ मरोड़ के पूछे,

क्या मर्जी है तेरी,

फिर ऐसे मैं शरमाई,

निकला वो तो हरजाई,

चली गई एक पल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥


प्रीत में उसके ऐसे खोयी,

ना में जागी ना में सोई,

मेरा आँचल पायल काजल,

तीनो कर गया घायल,

थर थर कांपे मेरी काया,

डोल रहा मन पागल,

फिर काटे कटे ना वो रैना,

बेरी छीन के ले गयो चैना,

चली गई एक पल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥


जमुना के तट पर,

मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,

घायल हो गई पल में,

गजरा गिर गया जमुना जल में,

की गजरा गिर गया जमुना जल में ॥

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फाल्गुन मास की पौराणिक कथा

फाल्गुन’ का महीना हिंदू पंचांग का अंतिम महीना होता है। इस मास की पूर्णिमा फाल्गुनी नक्षत्र में होती है। जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन पड़ा है। इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना भी कहा जाता है।

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होली पर करें इन मंत्रों का जाप

होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है और यह तिथि बहुत ही शुभ होती है, इस दिन जाप और पूजा करने से हमें सिद्धि प्राप्त हो सकती है।

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

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