गोपाल गोकुल वल्लभे, प्रिय गोप गोसुत वल्लभं (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham)

गोपाल गोकुल वल्लभे,

प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।

चरणारविन्दमहं भजे,

भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥


घनश्याम काम अनेक छवि,

लोकाभिराम मनोहरं ।

किंजल्क वसन किशोर मूरति,

भूरिगुण करुणाकरं ॥


सिरकेकी पच्छ विलोलकुण्डल,

अरुण वनरुहु लोचनं ।

कुजव दंस विचित्र सब अंग,

दातु भवभय मोचनं ॥


कच कुटिल सुन्दर तिलक,

ब्रुराकामयंक समाननं ।

अपहरण तुलसीदास,

त्रास बिहारी बृन्दाकाननं ॥


गोपाल गोकुल वल्लभे,

प्रिय गोप गोसुत वल्लभं ।

चरणारविन्दमहं भजे,

भजनीय सुरमुनि दुर्लभं ॥

........................................................................................................
शमसानो के वासी हो, भूतों का है साथ(Shamshano Ke Vasi Ho Bhuto Ka Hai Sath)

शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,

बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)

बजे कुण्डलपर में बधाई,
के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी

अंजनी के लाल तुमको, मेरा प्रणाम हो (Anjani Ke Lal Tumko Mera Pranam Ho)

अंजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो,

इतनी शक्ति हमें देना दाता(Itni Shakti Hamein Dena Data Prayer)

इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मनका विश्वास कमजोर हो ना

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने