होली खेलन आयो श्याम, आज(Holi Khelan Aayo Shyam, Aaj)

होली खेलन आयो श्याम

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


कोरे-कोरे कलश मँगाओ,

रंग केसर को घोरो री ।

मुख ते केशर मलो,

करो याहि कारे से गोरो री ॥


रंग-बिरंगो करो आज,

याहि कारे से गोरो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


पास-पड़ौसिन बोलि,

याहि आँगन में घेरो री ।

पीताम्बर लेउ छीन,

याहि पहराय देउ लहँगो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


हरे बाँस की बाँसुरिया,

याहि तोड़-मरोड़ी री ।

तारी दे दे याहि नचावो,

अपनी ओरो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


चन्द्रसखी की यही विनती,

करे निहोरो री ।

हा हा खाय पड़े जब,

पैया तब याहि छोरो री ॥

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥


होली खेलन आयो श्याम

होली खेलन आयो श्याम,

आज याहि रंग में बोरो री ॥

........................................................................................................
नामवली: रामायण मनका 108(Namavali: Ramayan Manka 108)

रघुपति राघव राजाराम ।
पतितपावन सीताराम ॥

मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है - भजन (Mera Aap Ki Kripa Se Sab Kam Ho Raha Hai)

मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हिया मेरा नाम हो रहा है॥

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

होली आई रे होली आई रे(Holi Ae Re Holi Aae Re)

होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने