काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले - भजन (Kali Kali Alko Ke Fande Kyun Dale)

काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


दोहा – मेरा एक नज़र तुझे देखना,

किसी बंदगी से कम नहीं,

करो मेरा शुक्रिया मेहरबां,

तुझे दिल में हमने बसा लिया,

आप इस तरह से होश,

उड़ाया ना कीजिये,

यूँ बन संवर के सामने,

आया ना कीजिये ॥


काली काली अलको के फंदे क्यूँ डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


सितमगर हो तुम खूब पहचानते है,

तुम्हारी अदाओ को हम जानते है,

फरेबे मोहब्बत में उलझाने वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


ये रंगीले नैना तुम्ही को मुबारक,

ये मीठे मीठे बैना तुम्ही को मुबारक,

हमारी तरफ से निगाहे हटाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


संभालो जरा ये पीताम्बर गुलाबी,

ये करता है दिल में हमारे खराबी,

जो तेरा हुआ उसको क्या कोई संभाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


जहाँ तुमने चेहरे से पर्दा हटाया,

वही अहले दिल को तमाशा बनाया,

बनाले बावरी को अब अपना बनाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥


मुरली वाले मुरली वाले,

मुरली वाले मुरली वाले ॥


काली काली अलको के फंदे क्यू डाले,

हमें जिन्दा रहने दे ऐ मुरली वाले ॥

........................................................................................................
सर्वपितृ अमावस्या: स्नान और पूजा विधि के साथ करें ये कार्य

पितृमोक्ष अमावस्या: इस तिथि को मनाई जाएगी आश्विन अमावस्या, महत्व के साथ जानिए क्या है दान कर्म का शुभ मुहूर्त..

सब धामों से धाम निराला, श्री वृन्दावन धाम(Sab Dhamo Se Dham Nirala Shri Vrindavan Dham)

सब धामों से धाम निराला,
श्री वृन्दावन धाम,

मैया के चरणों में, झुकता है संसार (Maiya Ke Charno Me Jhukta Hai Sansar)

मैया के चरणों में,
झुकता है संसार,

जानकी जयंती पर सीता चालीसा का पाठ

हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने