कन्हैया ले चल परली पार - भजन (Kanhaiya Le Chal Parli Paar)

कन्हैया ले चल परली पार,

साँवरिया ले चल परली पार,

जहां विराजे मेरी राधा रानी,

अलबेली सरकार ॥


गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,

पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,

बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,

यह जीवन भी तेरे अर्पण,

मैं तेरे चरणो की दासी

मेरे प्राण आधार।।

साँवरिया ले चल परली पार ॥


तेरी आस लगा बैठी हूँ,

लज्जा शील गवां बैठी हूँ,

मैं अपना आप लूटा बैठी हूँ,

आँखें खूब थका बैठी हूँ,

साँवरिया मैं तेरी रागिनी,

तू मेरा मल्हार।।

कन्हैया ले चल परली पार ॥


जग की कुछ परवाह नहीं है,

सूझती अब कोई राह नहीं है,

तेरे बिना कोई चाह नहीं है,

और बची कोई राह नहीं है,

मेरे प्रीतम, मेरे माझी,

कर दो बेडा पार

साँवरिया ले चल परली पार ॥


कन्हैया ले चल परली पार,

साँवरिया ले चल परली पार,

जहां विराजे मेरी राधा रानी,

अलबेली सरकार ॥

........................................................................................................
तेरे चरण कमल में श्याम(Tere Charan Kamal Mein Shyam)

तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।

कालाष्टमी की मंत्र जाप

कालाष्टमी पर्व भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की शक्ति और महिमा का प्रतीक है। जब भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म होता है। काल भैरव समय के भी स्वामी हैं।

सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

राधिके ले चल परली पार(Radhike Le Chal Parli Paar)

गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने