मेरे साथ रहना श्याम(Mere Sath Rehna Shyam)

बाबा देखो मेरी ओर,

मैं हूँ अति कमजोर,

मेरे साथ रहना,

बाबा देखो मेरी ओर ॥


नैया है भवर में खाये रे हीचकोले,

संभालो पतवार,

मैंने किये लाखों जतन मेरे बाबा,

गया हूँ अब हार,

गया हूं अब हार,

संभालो पतवार,

बाबा देखो मेरी ओर,

मैं हूँ अति कमजोर,

मेरें साथ रहना,

बाबा देखो मेरी ओर ॥


तू ही मेरा मालिक तू ही है एक साथी,

सिखाया है यही,

तू ही गर रूठे तो जाएंगे कहाँ ये,

बताया ही नहीं,

बताया ही नहीं,

सिखाया ही नहीं,

बाबा देखो मेरी ओर,

मैं हूँ अति कमजोर,

मेरें साथ रहना,

बाबा देखो मेरी ओर ॥


जग का सताया तूने ही अपनाया,

तुम्हीं से मेरी आस,

चाहे आधी रातो में तुझको बुलाऊ,

आएगा मेरे पास,

आएगा मेरे पास,

है पूरा विश्वास,

बाबा देखो मेरी ओर,

मैं हूँ अति कमजोर,

मेरें साथ रहना,

बाबा देखो मेरी ओर ॥


तुझसे ना छानी ‘सचिन’ की कहानी,

तू जाने सारी बात,

तेरे आगे बाबा समर्पण मेरा,

उठाऊं दोनो हाथ,

उठाऊं दोनो हाथ,

संभालो दीनानाथ,

बाबा देखो मेरी ओर,

मैं हूँ अति कमजोर,

मेरें साथ रहना,

बाबा देखो मेरी ओर ॥


बाबा देखो मेरी ओर,

मैं हूँ अति कमजोर,

मेरे साथ रहना,

बाबा देखो मेरी ओर ॥


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कैला देवी चालीसा (Kaila Devi Chalisa)

जय जय कैला मात हे, तुम्हे नमाउ माथ ॥
शरण पडूं में चरण में, जोडूं दोनों हाथ ॥

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

कर दो दूर प्रभु, मेरे मन में अँधेरा है (Kardo Dur Prabhu Mere Mann Me Andhera Hai)

कर दो दूर प्रभु,
मेरे मन में अँधेरा है,

रविवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में रविवार का दिन विशेष रूप से भगवान सूर्यदेव से जुड़ा हुआ है। इसे "रविवार व्रत" या "सूर्य व्रत" के रूप में मनाया जाता है। रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सम्मान और शक्ति की प्राप्ति होती है।

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