मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी(Mere Shyam Dhani Ki Morchadi)

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

हर बिगड़ी बात सवर जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


प्रेम का है भूखा,

तू प्रेम मेरे सांवरे से कर जरा,

आएगा ना कोई तेरे काम,

बस मेरा श्याम आएगा सदा,

गर जो झुकेगा सर ये तेरा,

गर झुक जाए मस्तक तेरा,

माथे की रेख बदल जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


कर नहीं मैं सकता महिमा मेरे,

घनश्याम की मुख से बयां,

आज तक क्या देखा,

कोई श्याम के दरबार से खाली गया,

बंद पड़ी किस्मत भी यहाँ,

तेरी बंद पड़ी किस्मत भी यहाँ,

खुशियों की चाबी से खुल जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


दौड़ के आ जाए,

जो श्याम को दिल से पुकारे है कभी,

है ‘प्रकाश’ कहता,

बिना श्याम के कोई काम मुमकिन है नहीं,

उंगली पकड़ ली जबसे तेरी,

जो उंगली पकड़ ली जबसे तेरी,

मंजिल भी तुझको मिल जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

गर फिर गई तेरे सर पे तो,

हर बिगड़ी बात सवर जाएगी,

मेरे श्याम धनि की मोरछड़ी,

पल भर में जादू कर जाएगी ॥


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गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय(Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥ १ ॥

माँ की दुआ बड़ी है(Maa Ki Dua Badi Hai)

लाख बार गिर कर मैं,
हर बार उठा हूँ,

बिगड़ी मेरी बना दे ओ शेरो वाली मैय्या

सदा पापी से पापी को भी तुम, माँ, भव-सिंधु तारी हो फँसी मझधार में नैय्या को भी पल में उबारी हो

भीष्म द्वादशी पूजा विधि

हिंदू धर्म में भीष्म द्वादशी का काफी महत्व है। यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल रविवार, 9 फरवरी 2025 को भीष्म द्वादशी का व्रत रखा जाएगा।

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