मुझे चरणो से लगा ले, मेरे श्याम मुरली वाले (Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murliwale)

मुझे चरणो से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले,

मेरी सांस सांस में तेरा,

मेरी सांस सांस में तेरा,

है नाम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


भक्तो की तुमने कान्हा,

विपदा है टारी,

मेरी भी बांह थामो,

आके बिहारी,

बिगड़े बनाये तुमने,

हर काम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


पतझड़ है मेरा जीवन,

बन के बहार आजा,

सुन ले पुकार कान्हा,

बस एक बार आजा,

बैचैन मन के तुम ही,

आराम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


तुम हो दया के सागर,

जनमों की मैं हूँ प्यासी,

दे दो जगह मुझे भी,

चरणों में बस ज़रा सी,

सुबह तुम्ही हो तुम ही,

मेरी शाम मुरली वाले,

मुझे चरणों से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले ॥


मुझे चरणो से लगा ले,

मेरे श्याम मुरली वाले,

मेरी स्वास स्वास में तेरा,

है नाम मुरली वाले ॥

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जिसकी लागी रे लगन भगवान में (Jiski Lagi Re Lagan Bhagwan Mein)

जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।

ओ लागी लागी रे प्रीत, थासु सांवरिया सरकार (O Lagi Lagi Re Preet Thasu Sawariya Sarkar)

ओ लागी लागी रे प्रीत,
थासु सांवरिया सरकार,

वैकुंठ चतुर्दशी की कथा

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। ये कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव जी का पूजन एक साथ किया जाता है।

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर (Aiso Chatak Matak So Thakur)

ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय

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