नमामी राधे नमामी कृष्णम(Namami Radhe Namami Krishnam)

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधे नमामी कृष्णम,

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम,

तुम्ही हो माता पिता हमारे,

तुम्ही हो माता पिता हमारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम,

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम ॥


आदि शक्ति श्री राधे रानी,

जय जगजननी जय कल्याणी,

युगल मूर्ति श्री राधे कृष्णा,

दर्शन करत मिटे नही तृष्णा,

दर्शन करत मिटे नही तृष्णा,

दोनो हैं दोनो के नैन-तारे,

दोनो हैं दोनो के नैन-तारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम,

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम ॥


सुर मुनि कितने स्वप्न संजोते,

योगी जप तप कर युग खोते,

तब जाकर इस युगल मूर्ति के,

बाल रूप में दर्शन होते;

बाल रूप में दर्शन होते,

ये सृष्टि सारी यही पुकारे,

ये सृष्टि सारी यही पुकारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम,

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम ॥


हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधे नमामी कृष्णम,

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम,

तुम्ही हो माता पिता हमारे,

तुम्ही हो माता पिता हमारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम,

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,

नमामी राधें नमामी कृष्णम ॥

........................................................................................................
फाल्गुन महीना दुर्गा अष्टमी

प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है।

शेरावाली की जय बोलो (Sherowali Ki Jai Bolo)

मेरी मैया शेरोवाली है,
करे भक्तो की रखवाली है,

जय महेश जय महादेवा (Jay Mahesh Jay Mahadeva)

तेरे दर पे आ तो गया हूँ,
राह दिखा दे मुझको काबिल कर दे,

भानु सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा विधि

माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर सूर्यदेव की पूजा की जाती है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। भानु सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से आरोग्य का वरदान मिलता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने