सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में(Sare Tirath Dham Apke Charno Me)

सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।

हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।


हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी,

कंठ शारदा माता है ।

जो भी मुख से वचन कहें,

वो वचन सिद्ध हो जाता है ।

हैं गुरु ब्रह्मा, हैं गुरु विष्णु,

हैं शंकर भगवान आपके चरणो में ।

हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।


जनम के दाता मात पिता हैं,

आप करम के दाता हैं ।

आप मिलाते हैं ईश्वर से,

आप ही भाग्य विधाता हैं ।

दुखिया मन को रोगी तन को,

मिलता है आराम आपके चरणो में ।

हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।


निर्बल को बलवान बना दो,

मूर्ख को गुणवान प्रभु ।

देवकमल और वंसी को भी,

ज्ञान का दो वरदान गुरु ।

हे महा दानी हे महा ज्ञानी,

रहूँ मैं सुबहो-शाम आपके चरणो में ।

हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।


कर्ता करे ना कर सके,

पर गुरु किए सब होये ।

सात द्वीप नौ खंड मे,

मेरे गुरु से बड़ा ना कोए ॥


सब धरती कागज़ करूँ,

लेखनी सब वनराय ।

समुद्र को स्याही,

पर गुरु गुण लिख्यो ना जाए ॥


सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।

हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में ।

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लूटूरू महादेव चलो(Lutru Mahadev Chalo)

लूटरू महादेव जय जय,
लुटरू महादेव जी,

उत्पन्ना एकादशी का चालीसा

उत्पन्ना एकादशी सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। वैसे तो हर माह में दो एकादशी आती है, लेकिन उत्पन्ना एकादशी का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन मां एकादशी का जन्म हुआ था।

रंग पंचमी पर देवताओं को कौन सा रंग चढ़ाएं

रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं।

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू (Bhole Baba Ne Yuhi Bajaya Damru)

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥

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