आई होली सावरिया: भजन (Aae Holi Sawariya)

धूम मचाने आ जइयो आई होली सावरिया,

होली सावरिया आई होली सावरिया,

खेले सावरिया होली खेले सावरिया,

आके रंग जमा जइयो आई होली सावरिया ॥


ग्वालो की टोली संग गोपिया बुलाई है,

राधा जैसी गोरी गोरी सखियां भी आई है,

सामने तो छलिया तू आके दिखा,

आई होली सावरिया ॥


ढोल नगाड़ा और चंग बजायेंगे,

मुरली की धुन पर रास रचायेंगे,

ताल से ताल मिला ले जरा,

आई होली सावरिया ॥


मलेंगे गुलाल तेरे मारे पिचकारी,

आज न चलेगी कोई चाल तुम्हारी,

इतनी अकड़ न तो हमको दिखा,

आई होली सावरिया ॥


तेरे बिना श्याम सुनी सुनी लागे,

मोहन कौशिक और हरीश गुण गाके,

भक्तो के संग जरा नच के दिखा,

आई होली सावरिया ॥

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धुला लो पाँव राघव जी, अगर जो पार जाना है (Dhul Lo Paanv Raghav Ji Agar Jo Paar Jana Hai)

धुला लो पाँव राघव जी,
अगर जो पार जाना है,

म्हारा खाटू वाला श्याम(Mhara Khatu Wala Shyam, Mhara Neele Shyam)

म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम,

राजीव लोचन राम, आज अपने घर आए (Rajiv Lochan Ram Aaj Apne Ghar Aaye)

राजीव लोचन राम,
आज अपने घर आए,

स्कंद षष्ठी पारण विधि

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव यानी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती हैं।

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