भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा (Bhari Unki Ankho Mein Hai Kitni Karuna)

भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा

जाकर सुदामा भिखारी से पूछो


है करामात क्या उनके चरणों की रज

जाकर के गौतम की नारी से पूछो


कृपा कितनी करते हैं शरणागतों पे

कृपा कितनी करते हैं शरणागतों पे


बता सकते हैं यदि, बता सकते हैं यदि

बता सकते हैं यदि, मिलेंगे विभीषण


पतितों को पावन, वो कैसे बनाते

जटायु सरिस, माँसाहारी से पूछो


है करामात क्या उनके चरणों की रज

जाकर के गौतम की नारी से पूछो


प्रभु कैसे सुनते हैं, दुखियों की आहें

तुम्हें ज्ञात हो राजा, बलि की कहानी


निराधार का कौन, आधार है जग में

ये प्रश्न द्रुपद दुलारी से पूछो


है करामात क्या उनके चरणों की रज

जाकर के गौतम की नारी से पूछो


छ्मा शीलता उनमें, कितनी भरी है

बताएँगे भृगुजी, वो सब जानते हैं


हृदय उनका भावों का, है कितना भूंखा

विदुर सबरी से, बारी बारी से पूछो


है करामात क्या उनके चरणों की रज

जाकर के गौतम की नारी से पूछो

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बिगड़ी किस्मत को बनाना, शिव भोले का काम है (Bigdi Kismat Ko Banana Shiv Bhole Ka Kaam Hai)

बिगड़ी किस्मत को बनाना,
शिव भोले का काम है,

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

नन्द के आनंद भयो(Nand Ke Anand Bhayo)

आनंद उमंग भयो,
जय हो नन्द लाल की ।

होलाष्टक पर भूलकर भी ना करें ये गलती

होलाष्टक की तिथि शुभ कार्य के लिए उचित नहीं मानी जाती है, इन तिथियों के अनुसार इस समय कुछ कार्य करने से सख्त मनाही होती है। क्योंकि इन्हीं दिनों में भक्त प्रह्लाद पर उनके पिता हिरण्यकश्यप ने बहुत अत्याचार किया था।

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