चंदन है इस देश की माटी (Chandan Hai Is Desh Ki Mati)

चंदन है इस देश की माटी,

तपोभूमि हर ग्राम है ।

हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


हर शरीर मंदिर सा पावन,

हर मानव उपकारी है ।

जहॉं सिंह बन गये खिलौने,

गाय जहॉं मॉं प्यारी है ।

जहॉं सवेरा शंख बजाता,

लोरी गाती शाम है ॥


हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


जहॉं कर्म से भाग्य बदलता,

श्रम निष्ठा कल्याणी है ।

त्याग और तप की गाथाऍं,

गाती कवि की वाणी है ।

ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा,

निर्मल है अविराम है ॥


हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


जिस के सैनिक समरभूमि मे,

गाया करते गीता है ।

जहॉं खेत मे हल के नीचे,

खेला करती सीता है ।

जीवन का आदर्श जहॉं पर,

परमेश्वर का धाम है ॥


हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


चंदन है इस देश की माटी,

तपोभूमि हर ग्राम है ।

हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥

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राम पे जब जब विपदा आई(Ram Pe Jab Jab Vipada Aai)

राम पे जब जब विपदा आई,
कौन बना रखवाला,

मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें (Maiya Ji Se Hoga Milan Dheere Dheere)

लग जाएगी लगन धीरे धीरे,
मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,

श्री राम कथा की महिमा को, घर घर में पहुँचाना है (Shri Ram Katha Ki Mahima Ko Ghar Ghar Me Pahuchana Hai)

श्री राम कथा की महिमा को,
घर घर में पहुँचाना है,

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