चंदन है इस देश की माटी (Chandan Hai Is Desh Ki Mati)

चंदन है इस देश की माटी,

तपोभूमि हर ग्राम है ।

हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


हर शरीर मंदिर सा पावन,

हर मानव उपकारी है ।

जहॉं सिंह बन गये खिलौने,

गाय जहॉं मॉं प्यारी है ।

जहॉं सवेरा शंख बजाता,

लोरी गाती शाम है ॥


हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


जहॉं कर्म से भाग्य बदलता,

श्रम निष्ठा कल्याणी है ।

त्याग और तप की गाथाऍं,

गाती कवि की वाणी है ।

ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा,

निर्मल है अविराम है ॥


हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


जिस के सैनिक समरभूमि मे,

गाया करते गीता है ।

जहॉं खेत मे हल के नीचे,

खेला करती सीता है ।

जीवन का आदर्श जहॉं पर,

परमेश्वर का धाम है ॥


हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥


चंदन है इस देश की माटी,

तपोभूमि हर ग्राम है ।

हर बाला देवी की प्रतिमा,

बच्चा बच्चा राम है ॥

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हे दयामय आप ही संसार के आधार हो (Hey Dayamay Aap Hi Sansar Ke Adhar Ho)

हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। सनातन धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का एक विशेष महत्व है, यह दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना का होता है।

ओ मईया तैने का ठानी मन में (O Maiya Tene Ka Thani Man Me)

ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,

अपने रंग रंगलो गजानन (Apne Rang Ranglo Gajanan)

अपने रंग रंगलो गजानन,
दिल तुम्हारा हो गया,

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