गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय(Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय ।

राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥ १ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


ब्रह्माकी जय-जय, विष्णूकी जय-जय ।

उमा- पति शिव शंकरकी जय-जय ॥ २ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


राधाकी जय-जय, रुक्मिणिकी जय-जय ।

मोर-मुकुट वंशीवारेकी जय-जय ॥ ३ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


गंगाकी जय-जय, यमुनाकी जय-जय ।

सरस्वती, तिरवेणीकी जय-जय ॥ ४ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


रामकी जय-जय श्यामकी जय-जय ।

दशरथ-कुँवर चारों भैयों की जय-जय ॥ ५ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


कृष्णाकी जय-जय, लक्ष्मीकी जय-जय ।

कृष्ण-बलदेव दोनों भइयोंकी जय-जय ॥ ६ ॥


गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय ।

राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥

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मैं तो बांके की बांकी बन गई (Main Toh Banke Ki Banki Ban Gayi)

मैं तो बांके की बांकी बन गई,
और बांका बन गया मेरा,

स्कन्द षष्ठी व्रत की पूजा विधि

भगवान कार्तिकेय को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, स्कंद और मुरुगन जैसे नामों से जाना जाता है। वे शक्ति और विजय के देवता हैं। उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।

कालाष्टमी कब मनाई जाएगी

सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इसे भगवान काल भैरव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा करने से साधकों को शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि प्राप्त होती है।

माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी(Maa Murade Puri Karde Main Halwa Batungi)

माँ मुरादे पूरी करदे हलवा बाटूंगी।
ज्योत जगा के, सर को झुका के,

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