Sanwali Surat Pe Mohan Dil Diwana Ho Gaya (सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया)

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तेरे नैन तिरछे,

दूसरा काजल लगा ।

तीसरा नज़रें मिलाना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तेरे होंठ पतले,

दूसरा लाली लगी ।

तीसरा तेरा मुस्कुराना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तेरे हाथ कोमल,

दूसरा मेहँदी लगी ।

तीसरा मुरली बजाना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तेरे पाँव नाज़ुक,

दूसरा पायल बंधी ।

तीसरा घुंगरू बजाना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तेरे भोग छप्पन,

दूसरा माखन धरा ।

तीसरा खिचडे का खाना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तेरे साथ राधा,

दूसरा रुक्मण खड़ी ।

तीसरा मीरा का आना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥


एक तो तुम देवता हो,

दूसरा प्रियतम मेरे ।

तीसरा सपनों में आना,

दिल दीवाना हो गया ॥


सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया,

दिल दीवाना हो गया ॥

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मेरे पवनपुत्र हनुमान,
करूं मैं तेरा हर पल ध्यान,

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