तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम(Teri Murli Ki Main Huun Gulaam Mere Albele Shyam)

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम ।

अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥


घर बार छोड़ा सब तेरी लगन में,

बाँवरी भई डोलूं ब्रिज की गलिन में ।

मेरे स्वांसो की माला तेरे नाम, मेरे अलबेले श्याम ॥


सांवरे सलोने यही विनती हमारी,

करदो कृपा मैं हूँ दासी तुम्हारी ।

तेरी सेवा करूँ आठों याम, मेरे अलबेले श्याम ॥


जब से लड़ी निगोड़ी तेरे संग अखियाँ,

चैन नहीं, दिन मैं काटूं रो रो के रतियाँ ।

तूने कैसा दिया यह इनाम, मेरे अलबेले श्याम ॥


आऊँगी मिलन को तुमसे कर के बहाने,

सांस रूठे, जेठानी मारे सो सो ताने ।

हूँ घर घर में मैं तो बदनाम, मेरे अलबेले श्याम ॥


तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम ।

अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥

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शनिवार को किन मंत्रों का जाप करें?

शनिवार शनिदेव की पूजा-अर्चना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है।

खरमास माह में तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी का खास महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए, बिना तुलसी के श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। सभी घरों में सुबह-शाम तुलसी पूजा की जाती है।

माता रानी कीजिये, किरपा की बरसात (Mata Rani Kijiye Karipa Ki Barsat)

माता रानी कीजिये,
किरपा की बरसात,

सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश

सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इनके राशि बदलने से मनुष्य समेत प्रकृति पर भी प्रभाव पड़ता है। बीते 14 जनवरी को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद सूर्य उत्तरायण हो गए और शुभ दिन शुरू हुआ।

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