वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

वृदावन मेरे बांके बिहारी,

बांके बिहारी की लीला है न्यारी,

ये नैना लड़ाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।

वृंदावन में यमुना किनारा

मेरा डुबकी लगाने को जी चाहता है

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृंदावन में निधिवान है प्यारा

मेरा रास रचाने को जी चाहता है

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृदावन में संत बहुत है,

वृदावन में भगत बहुत है,

संत बहुत है रसिक बहुत है,

शीश झुकाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

वृदावन जाने को जी चाहता है ।


वृदावन जाने को जी चाहता है,

राधे राधे गाने को जी चाहता है,

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सांवरे को दिल में बसा के तो देखो(Sanware Ko Dil Me Basa Kar To Dekho)

कर्ता करे ना कर सके,
पर गुरु किए सब होये ।

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन (Aiso Ras Racho Vrindavan)

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन,
है रही पायल की झंकार ॥

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों खाते हैं

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है।

दर्शन को तेरे आया(Darshan Ko Tere Aaya )

दर्शन को तेरे आया,
सब देव तेरी माया,

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