वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,

कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

पर-सेवा पर-उपकार में हम,

जग(निज)-जीवन सफल बना जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के,

सेवक बन संताप हरें।

जो हैं अटके, भूले-भटके,

उनको तारें खुद तर जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ,

अन्याय से निशिदिन दूर रहें।

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,

शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


निज आन-बान, मर्यादा का,

प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

जिस देश-जाति* में जन्म लिया,

बलिदान उसी पर हो जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥

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डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया
हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

जय हों तेरी गणराज गजानन (Jai Ho Teri Ganraj Gajanan)

प्रथमें गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,

राम दरबार है जग सारा (Ram Darbar Hai Jag Sara)

राम दरबार है जग सारा,
राम ही तीनो लोक के राजा,

मेरे मन के अंध तमस में (Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro)

जय जय माँ, जय जय माँ ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।

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