वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,

कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

पर-सेवा पर-उपकार में हम,

जग(निज)-जीवन सफल बना जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


हम दीन-दुखी निबलों-विकलों के,

सेवक बन संताप हरें।

जो हैं अटके, भूले-भटके,

उनको तारें खुद तर जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


छल, दंभ-द्वेष, पाखंड-झूठ,

अन्याय से निशिदिन दूर रहें।

जीवन हो शुद्ध सरल अपना,

शुचि प्रेम-सुधा रस बरसावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥


निज आन-बान, मर्यादा का,

प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।

जिस देश-जाति* में जन्म लिया,

बलिदान उसी पर हो जावें॥

॥ वह शक्ति हमें दो दयानिधे...॥

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लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से,
भोलेनाथ तेरी भंगिया,

गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है

गुड़ी पड़वा मुख्य रूप से चैत्र माह में नवरात्रि की प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी होती है। इस साल गुड़ी पड़वा 30 मार्च, रविवार को मनाई जाएगी और इसी दिन चैत्र नवरात्रि भी शुरू होगी।

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।
ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥

जल जाये जिह्वा पापिनी, राम के बिना (Jal Jaaye Jihwa Papini, Ram Ke Bina)

राम बिना नर ऐसे जैसे,
अश्व लगाम बिना ।

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