होरी खेली न जाय (Hori Kheli Na Jaay)

नैनन में पिचकारी दई,

मोय गारी दई,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय,

क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी,

ठाड़ौ मुस्काय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥


नेक नकान करत काहू की,

नजर बचावै भैया बलदाऊ की,

पनघट सौ घर लौं बतराय,

घर लौं बतराय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥


औचक कुचन कुमकुमा मारै,

रंग सुरंग सीस ते ढारै,

यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय,

सुनि सासु रिसियाय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥


होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै,

सालिगराम कौन याहि हटके,

अंग लिपटि हँसि हा हा खाय,

होरी खेली न जायहोरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥

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श्री बृहस्पतिवार/गुरुवार की व्रत कथा (Shri Brispatvaar /Guruvaar Ki Vrat Katha

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था।

माँ का नाम जपे जा हर पल(Maa Ka Naam Jape Ja Har Pal)

माँ का नाम जपे जा हर पल,
लागे ना कोई मोल रे,

विष्णु जी की पूजा विधि

सनातन धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवता को समर्पित माना गया है। गुरुवार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दिन है।

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। (Shiv Uthat Shiv Chalat Shiv Sham Bhor Hai)

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है।
शिव बुद्धि, शिव चित्त, शिव मन विभोर है॥ ॐ ॐ ॐ...

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