मैं हर पल गाता जाऊं, ओम नम शिवाय (Main Harpal Gata Jaun Om Namah Shivay)

ओम नम शिवाय,

ओम नम शिवाय,

मैं हर पल गाता जाऊं,

तेरी भक्ति में खो जाऊं,

सुबह शाम मैं नाम को तेरे,

भोले ध्याता जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥


तेरे जैसा कोई नहीं है,

इस जग में हितकारी,

तेरी महिमा सबसे प्यारी,

गाए दुनिया सारी,

मैं नादान हूं दास तुम्हारा,

क्या महिमा मैं गाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥


देवों के तुम देव प्रभू जी,

तुम्हीं हो त्रिपुरारी,

करें आरती तेरी निशदिन,

हे भोले भंडारी,

दो वरदान प्रभू,

इस ‘शिव’ को,

गुण मैं तेरे गाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥


ओम नम शिवाय,

ओम नम शिवाय,

मैं हर पल गाता जाऊं,

तेरी भक्ति में खो जाऊं,

सुबह शाम मैं नाम को तेरे,

भोले ध्याता जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं,

तेरी भक्ति मे खो जाऊं ॥

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कैसे शुरू हुई होलिका दहन की प्रथा

होली का पर्व रंगों और उमंग के साथ-साथ धार्मिक आस्था से भी जुड़ा हुआ है। होलिका दहन की परंपरा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

मां के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं

दिल दिल दिल दिल दिल..माँ का दिल
दिल दिल दिल..माँ का दिल दिल दिल

श्री भगवान जय गंगाधर जी की आरती (Shri Bhagwan Gangadhar Ji Ki Aarti)

ॐ जय गङ्गाधर हर, जय गिरिजाधीशा।
त्वं मां पालय नित्यं, कृपया जगदीशा॥

फाल्गुन अमावस्या पर महाकुंभ का लाभ कैसे लें?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपने अंतिम दिनों में है। 144 साल में बने संयोग में स्नान करने के लिए रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं। इस कारण ट्रेन और बसों में भी बड़ी संख्या में भीड़ देखने मिल रही है।

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