ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो - भजन (Om Mahakal Ke Kal Tum Ho Prabhu)

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,

गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,

कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,

हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


हैं जटा बीच मंदाकिनी की छटा,

मुंडमाला गले बीच शोभित महा,

कंठ में माल विषधर लपेटे हुए,

करके सिंगार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


बैठे कैलाश पर्वत पर आसन लगा,

भस्म तन पर हो अपने लगाए हुए,

है तुम्हारी निराली ये अनुपम छटा,

सबके आधार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


न्यारी महिमा तुम्हारी है त्र्यलोक में,

भोले भंडारी तुम बोले जाते प्रभो,

अम्बिका निर्मोही को आस है आपकी,

कर दो उद्धार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,

गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,

कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,

हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

........................................................................................................
राम नवमी पौराणिक कथा

हिन्दू धर्म का रामायण और रामचरितमानस दो प्रमुख ग्रंथ है। आपको बता दें कि आदिकवि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना की है तो वहीं तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की है।

मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,

विनायक चतुर्थी पूजा विधि

मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत विधि- विधान से करने पर भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि और विद्या का वरदान देते हैं। विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश के 12 नामों का जाप करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।

आया बुलावा भवन से (Aaya Bulawa Bhawan Se)

आया बुलावा भवन से,
मैं रह ना पाई ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।