ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो - भजन (Om Mahakal Ke Kal Tum Ho Prabhu)

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,

गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,

कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,

हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


हैं जटा बीच मंदाकिनी की छटा,

मुंडमाला गले बीच शोभित महा,

कंठ में माल विषधर लपेटे हुए,

करके सिंगार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


बैठे कैलाश पर्वत पर आसन लगा,

भस्म तन पर हो अपने लगाए हुए,

है तुम्हारी निराली ये अनुपम छटा,

सबके आधार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


न्यारी महिमा तुम्हारी है त्र्यलोक में,

भोले भंडारी तुम बोले जाते प्रभो,

अम्बिका निर्मोही को आस है आपकी,

कर दो उद्धार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥


ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,

गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,

कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,

हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

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माँ शारदे! हम तो हैं बालक तेरे(Maa Sharde Ham To Balak Hain Tere)

माँ शारदे, माँ शारदे,
माँ शारदे, माँ शारदे,

बोला प्रभु से यूँ केवट, यह विनती है सरकार (Bola Prabhu Se Yun Kevat Yah Vinati Hai Sarkar)

बोला प्रभु से यूँ केवट,
यह विनती है सरकार,

हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,

घनश्याम तुम ना आये, जीवन ये बीता जाये (Ghanshyam Tum Na Aaye Jeevan Ye Beeta Jaye)

घनश्याम तुम ना आये,
जीवन ये बीता जाये ॥

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