तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के अब तेरा साथ नहीं छूटे (Tune Sir Pe Dhara Jo Mere Hath Ke Ab Tera Sath Nahi Chute)

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

मेरा तुम पे रहे विश्वास,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे ॥


इक दौर था वो जीवन का मेरे,

जब अपने किनारा कर बैठे,

कांधा भी ना था रोने को कोई,

देखे हैं समय ऐसे ऐसे,

फिर तुमसे हुई मुलाकात,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे

मेरा तुम पे रहे विश्वास,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे ॥


तूफानों में कश्ती थी मेरी,

कहीं कोई किनारा ना सूझा,

फिर किसने निकाला तूफां से,

इक इक ने बाद में ये पूछा,

मैंने ले लिया तेरा नाम,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे

मेरा तुम पे रहे विश्वास,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे ॥


अब तो बस एक तमन्ना है,

तेरे चरणों का मैं दास बनूँ,

नहीं चिंता कोई फ़िक्र हो मुझे,

‘हरी’ तेरी शरण में सदा रहूं,

रहे कृपा की बरसात,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे

मेरा तुम पे रहे विश्वास,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे ॥


तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

मेरा तुम पे रहे विश्वास,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

तूने सर पे धरा जो मेरे हाथ,

के अब तेरा साथ नहीं छूटे ॥

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ओ माँ पहाड़ावालिये, सुन ले मेरा तराना (O Maa Pahadan Waliye Sun Le Mera Tarana)

ओ माँ पहाड़ावालिये,
सुन ले मेरा तराना ॥

कुमार मैने देखे, सुंदर सखी दो कुमार (Kumar Maine Dekhe, Sundar Sakhi Do Kumar)

कुमार मैने देखे,
सुंदर सखी दो कुमार ।

श्रीरामरक्षास्तोत्रम् (Shriramarakshastotram)

अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषि: श्रीसीतारामचन्द्रो देवता अनुष्टुप् छन्द: सीता शक्ति: श्रीमद्हनुमान् कीलकम् श्रीसीतारामचन्द्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोग:॥

सफला एकादशी का राशिफल

प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है।

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